एक लकड़हारा था, जो रोज़ पेड़ काटता। एक दिन पेड़ गिरा नहीं...
पहले वार, दूसरा, तीसरा... दस… बीस… पचास…
लेकिन वो नहीं रुका।
100वें वार पर — पेड़ गिर गया!
लोग बोले — "एक ही वार में गिरा दिया!"
पर उसे पता था…
ताक़त उस एक वार में नहीं, उन 99 हार ना मानने वाले वारों में थी।