रवि की साइकिल जंग खा चुकी थी, ब्रेक भी काम नहीं करते थे। फिर भी वह रोज़ दस किलोमीटर स्कूल जाता। दोस्तों ने मज़ाक उड़ाया, पर उसने हिम्मत नहीं हारी। पढ़ाई में अव्वल आया तो वही दोस्त बोले, "तेरी साइकिल टूटी थी, सपने नहीं।"